First and worst PM of india was Jawaharlal Nashedu/Nehru.
This blog will explain you in detail about the same.
Biggest mistakes by Nehru which are difficult to undone.
नेहरू की वह गलतियां जो भारत देश आजतक भुगत रहा है व आगे भी भुगतेगा
1. United Nations Security Council (UNSC) की पूर्णकालिक सदस्यता भारत को 1950 में ऑफर हुई थी फ्री में, जिसे दूरदृष्टा नेहरू ने दरियादिली दिखाते हुए चीन को दे दिया। चीन के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाने की होड़ में नेहरू भविष्य को भांप न सके और 1962 में चीन भारत युद्ध मे भारत को मुंह की खानी पड़ी जिससे नेहरू की सारे संसार मे थू थू हुई।
समस्या यह कि आज भारत ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहा है security council में सीट पाने के लिए पर चीन ही भारत का रास्ता रोके हुए है।
2. नेहरू ने कभी भी अपनी सेना की बात नही सुनी, आर्मी में सैनिकों की कमी, आर्मी पर होने वाले खर्च की कमी, रक्षा मंत्री का विदेश मंत्री जैसा रवैया होना, यह समस्याएं 10 सालों में विक्राल रूप लेलेंगी ऐसा हमारे दूरदृष्टा नेहरू सोच न सके
1947 में कश्मीर हारे गिलगिट बाल्टिस्तान खो दिया, 1962 में लद्दाख का 45% हिस्सा चीन ने कब्जा लिया। उनके नशेड़ीपन की आदत इस कदर थी कि संसद में वह बोले जो इलाका चीन से हमने हारा है वहां तो सिवाय झाड़ियों के कुछ नही उगता इसपर संसद में महावीर त्यागी(सोनीपत से सांसद) ने उपहासास्पद रूप से कहा कि आपके सर पर भी 3 बाल से अधिक नही उगते क्या आपका सर भी चीन को दे दिया जाना चाहिए क्या?
समस्या यह कि विगत वर्षों में हम सैन्य पराजय के बाद चीन से दुबारा टक्कर लेने की स्थिति में आज भी नही हैं।
3. सबसे महत्वपूर्ण समस्या जिससे भारत आजतक झूझ रहा है वह है, जम्मू और कश्मीर मसले का हल। केवल 2 सप्ताह मांगे थे भारत की सेना ने नेहरू से की हम कश्मीर को पाकिस्तानियो के कब्जे से छुड़ा लेंगे, पर दूरदृष्टा नेहरू कहाँ उनकी सुनने वाले थे, कश्मीर के मसले को UNO में लेजाने का ऐयिहासिक फैसला करते ही, कश्मीर की समस्या विदेशियों के हाथ सौंप दी।
अब अमरीका बताएगा कि कश्मीर किसका है भारत का या पाक का?
यह समस्या आजतक लाखों कश्मीरियों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित करती है चाहे वे हिन्दू हो या मुसलमान
4. शेख़ अब्दुल्लाह के साथ मित्रता के चलते, अधिक जनसंख्या वाले हिन्दू बहुल जम्मू को केवल 28 सीट दी और कम आबादी वाले मुस्लिम बहुल कश्मीर को 45 सीट देकर नेहरू ने देश और जम्मू कश्मीर वासियों के साथ धोखा किया है व लद्दाख को केवल 4 सीट दी जिनमें 2 मुस्लिम बहुल व 2 बौद्ध बहुल हैं
समस्या यह कि अब असेम्ब्ली में अधिकांश मुस्लिम विधायक होने के कारण कश्मीर का मुख्यमंत्री कभी हिन्दू नही हो सकेगा न कभी बौद्ध हो सकेगा।
5. देश के राज्यों को भाषाओं के आधार पर विभाजित करना,जिससे पंजाब पंजाबियों का, हरियाणा हरियाणवीयो का, कर्नाटक कन्नडिगाओ का, आंध्र तेलेगुओ का, तमिल नाडु तमिलियो का होकर रह गया पर देश भारतीयों का होकर नही रह जाता। यह नेहरू की वोटबैंक पोलिटिक्स के कारण हुआ।
समस्या यह कि लोगों के लिए देश भक्ति से पहले प्रांतवाद व भाषावाद के भक्त बने घूम रहे है
हम नार्थ तुम साउथ, हम द्रविड़ तुम आर्य। तू पंजाबी मैं हरियाणवी बने घुम रहे हैं, भाषा प्रान्त जाति व मत से पहले हम देश की बात क्यों नही करते?
5. दूरदृष्टा नेहरू द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था की मिट्टी पलीत करना जिससे भारत दशकों तक नही उभर सका, पिछड़े से भी पिछड़े देश 5% की वृद्धि दर से तरक्की कर रहे थे जबकि नेहरू के कालखण्ड में 4.2% की विकास दर थी हमारी।
नेहरू का मानना था कि अधिक उद्योग की आवश्यकता नही, एक्सपोर्ट के खिलाफ थे, मार्कट का कंट्रोल सरकार के हाथ मे होना चाहिए ऐसा मानना कम्युनिस्ट विचार है।
कुछ और नेहरू की गलतियां जिससे कि भारत की सुरक्षा पर आज भी खतरा हो सकता है, निम्नलिखित हैं
6. ग्वादर पोर्ट जो कराची में है ओमान सल्तनत ने भारत को 1 मिलियन डॉलर में ऑफर किया था, दूरदृष्टा नशेडू ने उसे ठुकरा दिया, पाकिस्तान ने उसी ग्वादर पोर्ट को 3 मिलियन डॉलर में खरीद लिया और चीन को बेच दिया जिससे भारतीय नौसेना और मर्चन्ट जहाज़ों को खतरा बना रहता है।
7. नेपाल, भारत मे विलय होने का प्रस्ताव भारत के पास लेकर आया था, नेहरू ने उसे भी ठुकरा दिया यह कह की कि यह बाकी देशों से हमारे रिश्ते बिगाड़ सकता है। दूरदृष्टा नेहरू जी इतने सुंदर देश जहां माउंट एवरेस्ट है दुनिया की सबसे मशहूर टूरिस्ट स्पॉट से भारत की अर्थव्यवस्था को कितना फायदा होता, आज आतंकी व ड्रग स्मगलर नेपाल के रास्ते भारत मे जुर्म करके भाग जाते हैं।
8. भारत का कोको आइलैंड म्यांमार को गिफ्ट में देना व म्यांमार का उस गिफ्ट को चीन को बेच देना 1994 में जिससे आजतक चीन अपनी पैठ भारतीय समुद्रों में बना रहा है
9. दुनिया मे कही स्वर्ग है तो वह है कश्मीर में यदि आप यही समझते हैं तो आपने कबाव घाटी के बारे में नही सुना जो कश्मीर से भी सुंदर घाटी मानी जाती है, इस घाटी को भी नेहरू ने म्यांमार को गिफ्ट कर दिया और पर्यटक अर्थव्यवस्था बनाने से चूक गए
इन सभी के अलावा 2 और बड़ी गलतियां जो नेहरू करता गया और हम चुपचाप बैठे हुए देखते गए वे थी
कॉमन सिविल कोड का नाम हिन्दू सिविल कोड करना और मुसलमानों के लिए शरियत कानून के अनुसार नया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बनाना जिससे मुस्लिम कांग्रेस के वोटबैंक बने रहे और कांग्रेस राज करती रहे। यह समस्या इतनी बड़ी है कि एक दिन यह देश इस्लामिक हो जाएगा क्योंकि 2050 तक मुस्लिम ईस धरा पर हिंदुओं से अधिक होजाएंगे और हम अपने ही देश मे अल्पसंख्यक बन जाएंगे
दूसरी यह कि अमरीकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी द्वारा नेहरू को नुक्लेअर बम बनाने का प्रस्ताव चीन से पहले देना व नेहरू का उसे यह कहकर ठुकरा देना की भारत तो शांतिप्रस्थ देश है हमे नुक्लेअर बम की क्या आवश्यकता।
अरे बेवकूफ नेहरू बम हमे एक दूसरे पर नही गिराने, दुश्मन पर गिराने है जो कि तुम्हारी शांतिप्रस्थ देश की शांति भंग करने की ताक में बैठा है
यदि नेहरू ने कैनेडी की बात मान ली होती तो चीन व पाकिस्तान 1962, 1965 व 1971 में भारत की ओर उंगली करने की हिम्मत न दिखाते।
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Biggest mistakes by Nehru which are difficult to undone.
नेहरू की वह गलतियां जो भारत देश आजतक भुगत रहा है व आगे भी भुगतेगा
1. United Nations Security Council (UNSC) की पूर्णकालिक सदस्यता भारत को 1950 में ऑफर हुई थी फ्री में, जिसे दूरदृष्टा नेहरू ने दरियादिली दिखाते हुए चीन को दे दिया। चीन के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाने की होड़ में नेहरू भविष्य को भांप न सके और 1962 में चीन भारत युद्ध मे भारत को मुंह की खानी पड़ी जिससे नेहरू की सारे संसार मे थू थू हुई।
समस्या यह कि आज भारत ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहा है security council में सीट पाने के लिए पर चीन ही भारत का रास्ता रोके हुए है।
2. नेहरू ने कभी भी अपनी सेना की बात नही सुनी, आर्मी में सैनिकों की कमी, आर्मी पर होने वाले खर्च की कमी, रक्षा मंत्री का विदेश मंत्री जैसा रवैया होना, यह समस्याएं 10 सालों में विक्राल रूप लेलेंगी ऐसा हमारे दूरदृष्टा नेहरू सोच न सके
1947 में कश्मीर हारे गिलगिट बाल्टिस्तान खो दिया, 1962 में लद्दाख का 45% हिस्सा चीन ने कब्जा लिया। उनके नशेड़ीपन की आदत इस कदर थी कि संसद में वह बोले जो इलाका चीन से हमने हारा है वहां तो सिवाय झाड़ियों के कुछ नही उगता इसपर संसद में महावीर त्यागी(सोनीपत से सांसद) ने उपहासास्पद रूप से कहा कि आपके सर पर भी 3 बाल से अधिक नही उगते क्या आपका सर भी चीन को दे दिया जाना चाहिए क्या?
समस्या यह कि विगत वर्षों में हम सैन्य पराजय के बाद चीन से दुबारा टक्कर लेने की स्थिति में आज भी नही हैं।
3. सबसे महत्वपूर्ण समस्या जिससे भारत आजतक झूझ रहा है वह है, जम्मू और कश्मीर मसले का हल। केवल 2 सप्ताह मांगे थे भारत की सेना ने नेहरू से की हम कश्मीर को पाकिस्तानियो के कब्जे से छुड़ा लेंगे, पर दूरदृष्टा नेहरू कहाँ उनकी सुनने वाले थे, कश्मीर के मसले को UNO में लेजाने का ऐयिहासिक फैसला करते ही, कश्मीर की समस्या विदेशियों के हाथ सौंप दी।
अब अमरीका बताएगा कि कश्मीर किसका है भारत का या पाक का?
यह समस्या आजतक लाखों कश्मीरियों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित करती है चाहे वे हिन्दू हो या मुसलमान
4. शेख़ अब्दुल्लाह के साथ मित्रता के चलते, अधिक जनसंख्या वाले हिन्दू बहुल जम्मू को केवल 28 सीट दी और कम आबादी वाले मुस्लिम बहुल कश्मीर को 45 सीट देकर नेहरू ने देश और जम्मू कश्मीर वासियों के साथ धोखा किया है व लद्दाख को केवल 4 सीट दी जिनमें 2 मुस्लिम बहुल व 2 बौद्ध बहुल हैं
समस्या यह कि अब असेम्ब्ली में अधिकांश मुस्लिम विधायक होने के कारण कश्मीर का मुख्यमंत्री कभी हिन्दू नही हो सकेगा न कभी बौद्ध हो सकेगा।
5. देश के राज्यों को भाषाओं के आधार पर विभाजित करना,जिससे पंजाब पंजाबियों का, हरियाणा हरियाणवीयो का, कर्नाटक कन्नडिगाओ का, आंध्र तेलेगुओ का, तमिल नाडु तमिलियो का होकर रह गया पर देश भारतीयों का होकर नही रह जाता। यह नेहरू की वोटबैंक पोलिटिक्स के कारण हुआ।
समस्या यह कि लोगों के लिए देश भक्ति से पहले प्रांतवाद व भाषावाद के भक्त बने घूम रहे है
हम नार्थ तुम साउथ, हम द्रविड़ तुम आर्य। तू पंजाबी मैं हरियाणवी बने घुम रहे हैं, भाषा प्रान्त जाति व मत से पहले हम देश की बात क्यों नही करते?
5. दूरदृष्टा नेहरू द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था की मिट्टी पलीत करना जिससे भारत दशकों तक नही उभर सका, पिछड़े से भी पिछड़े देश 5% की वृद्धि दर से तरक्की कर रहे थे जबकि नेहरू के कालखण्ड में 4.2% की विकास दर थी हमारी।
नेहरू का मानना था कि अधिक उद्योग की आवश्यकता नही, एक्सपोर्ट के खिलाफ थे, मार्कट का कंट्रोल सरकार के हाथ मे होना चाहिए ऐसा मानना कम्युनिस्ट विचार है।
कुछ और नेहरू की गलतियां जिससे कि भारत की सुरक्षा पर आज भी खतरा हो सकता है, निम्नलिखित हैं
6. ग्वादर पोर्ट जो कराची में है ओमान सल्तनत ने भारत को 1 मिलियन डॉलर में ऑफर किया था, दूरदृष्टा नशेडू ने उसे ठुकरा दिया, पाकिस्तान ने उसी ग्वादर पोर्ट को 3 मिलियन डॉलर में खरीद लिया और चीन को बेच दिया जिससे भारतीय नौसेना और मर्चन्ट जहाज़ों को खतरा बना रहता है।
7. नेपाल, भारत मे विलय होने का प्रस्ताव भारत के पास लेकर आया था, नेहरू ने उसे भी ठुकरा दिया यह कह की कि यह बाकी देशों से हमारे रिश्ते बिगाड़ सकता है। दूरदृष्टा नेहरू जी इतने सुंदर देश जहां माउंट एवरेस्ट है दुनिया की सबसे मशहूर टूरिस्ट स्पॉट से भारत की अर्थव्यवस्था को कितना फायदा होता, आज आतंकी व ड्रग स्मगलर नेपाल के रास्ते भारत मे जुर्म करके भाग जाते हैं।
8. भारत का कोको आइलैंड म्यांमार को गिफ्ट में देना व म्यांमार का उस गिफ्ट को चीन को बेच देना 1994 में जिससे आजतक चीन अपनी पैठ भारतीय समुद्रों में बना रहा है
9. दुनिया मे कही स्वर्ग है तो वह है कश्मीर में यदि आप यही समझते हैं तो आपने कबाव घाटी के बारे में नही सुना जो कश्मीर से भी सुंदर घाटी मानी जाती है, इस घाटी को भी नेहरू ने म्यांमार को गिफ्ट कर दिया और पर्यटक अर्थव्यवस्था बनाने से चूक गए
इन सभी के अलावा 2 और बड़ी गलतियां जो नेहरू करता गया और हम चुपचाप बैठे हुए देखते गए वे थी
कॉमन सिविल कोड का नाम हिन्दू सिविल कोड करना और मुसलमानों के लिए शरियत कानून के अनुसार नया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बनाना जिससे मुस्लिम कांग्रेस के वोटबैंक बने रहे और कांग्रेस राज करती रहे। यह समस्या इतनी बड़ी है कि एक दिन यह देश इस्लामिक हो जाएगा क्योंकि 2050 तक मुस्लिम ईस धरा पर हिंदुओं से अधिक होजाएंगे और हम अपने ही देश मे अल्पसंख्यक बन जाएंगे
दूसरी यह कि अमरीकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी द्वारा नेहरू को नुक्लेअर बम बनाने का प्रस्ताव चीन से पहले देना व नेहरू का उसे यह कहकर ठुकरा देना की भारत तो शांतिप्रस्थ देश है हमे नुक्लेअर बम की क्या आवश्यकता।
अरे बेवकूफ नेहरू बम हमे एक दूसरे पर नही गिराने, दुश्मन पर गिराने है जो कि तुम्हारी शांतिप्रस्थ देश की शांति भंग करने की ताक में बैठा है
यदि नेहरू ने कैनेडी की बात मान ली होती तो चीन व पाकिस्तान 1962, 1965 व 1971 में भारत की ओर उंगली करने की हिम्मत न दिखाते।
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