अजमेर शरीफ
क्यों जाते हैं लोग अजमेर शरीफ??
यह पॉपुलर किन कारणों से है?
इस्लाम में मूर्ति पूजा का विरोध है
इस्लाम में मजार मूर्ति का स्वरुप ही मानी जाती है इसलिए उसे पूजा नही जाता
लेकिन हिंदुओं को convert करने का यह एक शांतिपूर्ण तरीका था जो के मौलवियों और सूफियों ने खोजा था
क्योंकि जिनको तलवार के जोर से करना है उनको वैसे
और जो भक्ति भाव वाले लोग हैं उनको मजार बनवा के मूर्ति पूजा करवा कर convert करना
और भारत पाक बांग्लादेश
इस भारतवर्ष क्षेत्र के सिवा कहीं और मजार नही है और सब की सब अकबर के काल में बनी
ऐसा इस्लिये क्योंकि जब इस्लाम का राज नही भी होगा भारत पर
तब भी इन हिन्दू कबूतरों से मजार पूजा मूर्ति पूजा करवा कर इनको इस्लाम के निकट लाया जायेगा
और ये 99% मुस्लमान भारत के
सब converted ही हैं
कुछ को सूफियों ने किया
कुछ को तलवार की धारों ने
सूफी सन्तों का कुछ संक्षिप्त इतिहास भी बताता यदि किसी particular सूफी सन्त के प्रति आपकी श्रद्धा होती
जो की नही है तो इतना ही समझलो के
सबसे पहले इस्लामी शासकों को भारत में आने का न्योता इन्ही सूफियों ने दिया था
पहले सूफी आये जड़े कमज़ोर करी
फिर शासक आये जिन्होंने हमारी जड़ें उखाड़ी और अपनी जमाई
फिर दुबारा सूफियों का रोल शुरू हुआ
जड़े पक्की करने के लिए
इस्लाम को शांतिस्वरूप बताने के लिए।
आप सोचिये आप इन्हें 1 भी रुपये की सहायता कैसे दे सकते हैं जो सदियों से आपके ही धन जमीन और औरतों पर अपना हक़ जमा चुके हैं और मौका आने पर फिर जमाएंगे।
विचारिये
इति ओ३म्
क्यों जाते हैं लोग अजमेर शरीफ??
यह पॉपुलर किन कारणों से है?
इस्लाम में मूर्ति पूजा का विरोध है
इस्लाम में मजार मूर्ति का स्वरुप ही मानी जाती है इसलिए उसे पूजा नही जाता
लेकिन हिंदुओं को convert करने का यह एक शांतिपूर्ण तरीका था जो के मौलवियों और सूफियों ने खोजा था
क्योंकि जिनको तलवार के जोर से करना है उनको वैसे
और जो भक्ति भाव वाले लोग हैं उनको मजार बनवा के मूर्ति पूजा करवा कर convert करना
और भारत पाक बांग्लादेश
इस भारतवर्ष क्षेत्र के सिवा कहीं और मजार नही है और सब की सब अकबर के काल में बनी
ऐसा इस्लिये क्योंकि जब इस्लाम का राज नही भी होगा भारत पर
तब भी इन हिन्दू कबूतरों से मजार पूजा मूर्ति पूजा करवा कर इनको इस्लाम के निकट लाया जायेगा
और ये 99% मुस्लमान भारत के
सब converted ही हैं
कुछ को सूफियों ने किया
कुछ को तलवार की धारों ने
सूफी सन्तों का कुछ संक्षिप्त इतिहास भी बताता यदि किसी particular सूफी सन्त के प्रति आपकी श्रद्धा होती
जो की नही है तो इतना ही समझलो के
सबसे पहले इस्लामी शासकों को भारत में आने का न्योता इन्ही सूफियों ने दिया था
पहले सूफी आये जड़े कमज़ोर करी
फिर शासक आये जिन्होंने हमारी जड़ें उखाड़ी और अपनी जमाई
फिर दुबारा सूफियों का रोल शुरू हुआ
जड़े पक्की करने के लिए
इस्लाम को शांतिस्वरूप बताने के लिए।
आप सोचिये आप इन्हें 1 भी रुपये की सहायता कैसे दे सकते हैं जो सदियों से आपके ही धन जमीन और औरतों पर अपना हक़ जमा चुके हैं और मौका आने पर फिर जमाएंगे।
विचारिये
इति ओ३म्